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Machali palan: मछली पाले और पाए जबरदस्त मुनाफा, जानें कैसे चुने ‘जयंती रहू’ बीज और तालाब प्रबंधन के सही तरीके

मछली पाले और पाए जबरदस्त मुनाफा, जानें कैसे चुने ‘जयंती रहू’ बीज और तालाब प्रबंधन के सही तरीके

 

बिहार के युवा आज रोजगार के नए अवसरों की तलाश में मछली पालन की ओर रुख कर रहे हैं। राज्य में मछली पालन का उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और यह युवाओं के लिए एक लाभदायक व्यवसाय साबित हो रहा है। हालांकि, मछली पालन में सफलता पाने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने की जरूरत होती है जैसे सही बीज का चयन और तालाब का उचित प्रबंध। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार ‘जयंती रहू’ बीज का चयन और तालाब प्रबंधन से आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।

मछली पालन में सही बीज का चयन जरूरी है। बिहार में सबसे लोकप्रिय मछली रहू है, और इसके लिए ‘जयंती रहू’ बीज का चयन करना बेहतर माना जाता है। अनुभवी मछली पालक मनीष सिंह, जो पिछले 30 वर्षों से मछली पालन कर रहे हैं, का कहना है कि ‘जयंती रहू’ बीज तेजी से बढ़ता है और एक साल में इसका वजन दो से ढाई किलो तक पहुंच सकता है। यहां तक कि यदि प्रबंधन में कुछ कमी रह जाए, तो भी यह बीज डेढ़ किलो का औसत दे सकता है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है।

तालाब प्रबंधन
मछली पालन के लिए तालाब का प्रबंधन बहुत जरूरी है। मनीष सिंह के अनुसार, तालाब में हमेशा 6 फीट पानी बनाए रखना चाहिए। इससे मछली की वृद्धि पर सकारात्मक असर पड़ता है और वह तेजी से विकसित होती है।

खाद्य प्रबंधन में भी सावधानी बरतनी चाहिए। अक्सर लोग तालाब में पहले से मौजूद दाने के बावजूद अतिरिक्त दाना डाल देते हैं, जिससे मछलियों की मृत्यु दर बढ़ जाती है। इसलिए तालाब में मछलियों के खाने का सही प्रबंधन आवश्यक है।

बिहार के आर्थिक विकास में योगदान
मछली पालन के इन महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देकर बिहार के युवा किसान न केवल अपने लिए बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी अच्छा योगदान दे सकते हैं। ‘जयंती रहू’ बीज का चयन, तालाब का सही प्रबंधन और उचित खाद्य प्रबंधन से न केवल मछली की बेहतर वृद्धि संभव है, बल्कि इससे किसानों को भी लबे समय तक लाभ मिल सकता है।

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